महत्वपूर्ण अनुच्छेद 1 से 11 तक 

 (Constitution of India) 

Article 1 to 11
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Indian constitution article 1 to 11

Ø अनुच्छेद – 1 भारत अथवा इंडिया राज्यों का संघ होगा। राज्य और उनके राज्य क्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूंची में वर्णित है।
Øअनुच्छेद – 2 संसद को विधि द्वारा किसी नये राज्य क्षेत्र को भारत के क्षेत्र में शामिल करने का अधिकार है ।
Øअनुच्छेद – 3 संसद विधि द्वारा किसी राज्य के क्षेत्रफल में परिवर्तन,आकार में परिवर्तन,उस राज्य का विभाजन,दो या दो से अधिक राज्यों को जोड़कर एक राज्य बनाना, राज्य का नाम परिवर्तन कर सकती है। परंतु ऐसा कोई भी विधेयक दो निम्न शर्तों के साथ ही संसद मे प्रस्तुत किया जा सकता है ।
1.राष्ट्रपति की पूर्वानुमति आवश्यक है ।
2.राष्ट्रपति ऐसे विधेयक को संबन्धित राज्य की विधानसभा के पास उसका मत जानने के लिए अनिवार्य रूप से भेजेगा, यह मत मानना राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं है ।

Øअनुच्छेद – 4 अनुच्छेद 2 व 3 के अंतर्गत किए गए परिवर्तन अनुच्छेद 368 के अंतर्गत संविधान संसोधन नहीं माने जाएंगे ।


अनुच्छेद 5 से 11में भारतीय नागरिकता 


qभारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है ।
qभारतीय नागरिकता अधिनयम 1950 ई॰ के अनुसार निम्न में से किसी एक आधार पर नागरिकता प्राप्त की जा सकती है –
1.जन्म से : जिस व्यक्ति का जन्म संविधान लागू होने ( 26 जनवरी 1950) पहले या संविधान लागू होने के बाद भारत में जन्म हुआ हो, वह जन्म से भारत का नागरिक होगा ।
2.वंश परंपरा द्वारा नागरिकता : भारत के बाहर संविधान लागू होने से पहले जन्म लेने वाला व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा, यदि उसके जन्म के समय उसके माता –पिता में से कोई भारत का नागरिक हो ।
नोट : माता के नागरिकता के आधार पर विदेश में जन्म लेने वाले को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान नागरिकता संसोधन 1992 द्वारा किया गया है ।    
3॰ देशीयकरण द्वारा नागरिकता : भारत सरकार से देशीयकरण का प्रमाण – पत्र प्राप्त कर भारत की नागरिकता प्राप्त की जा सकती है ।
4॰ पंजीकरण द्वारा नागरिकता : निम्नलिखित वर्गों में आने वाले लोग पंजीकरण के द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते है ।
1.वे व्यक्ति जो पंजीकरण आवेदन देने की तिथि से छह माह पूर्व भारत में रह रहे हो ।
2.वे भारतीय जो अविभाज्य भारत से बाहर किसी देश में निवास कर रहे हो ।
3.वे स्त्रियाँ , जो भारतीयों से विवाह कर चुकी है या भविष्य में विवाह करेंगी ।
4.भारतीय नागरिकों के नाबालिक बच्चे ।
5.राष्ट्रीयमंडलीय देशों के नागरिक , जो भारत में रहते हो या भारत सरकार की नौकरी कर रहे हो । आवेदन - पत्र देकर भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते है ।
5॰ भूमि – विस्तार द्वारा : यदि किसी नए भू – भाग को भारत में शामिल किया जाता है, तो उस क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को स्वत: भारत की नागरिकता प्राप्त हो जाती है । 



qभारतीय नागरिकता संसोधन अधिनियम, 1986 : इस अधिनियम के आधार पर भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1955 ई. में निम्न संसोधन किए गए है -  

1.अब भारत में जन्मे केवल उस व्यक्ति को नागरिकता प्रदान की जाएगी, जिसके माता –पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो ।
2.जो व्यक्ति पंजीकरण के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त करना चाहते है, उन्हे अब भारत में कम-से-कम पाँच वर्षों तक निवास करना होगा । पहले यह अवधि छह माह की थी ।
3.देशीयकरण द्वारा नागरिकता तभी प्रदान की जाएगी, जबकि संबंधित व्यक्ति कम-से-कम 10 वर्षों तक भारत में रह चुका हो । पहले यह अवधि पाँच वर्ष कि थी । नागरिकता संसोधन अधिनियम, 1986 ई. जम्मू-कश्मीर व असम सहित भारत के सभी राज्यों पर लागू होगा ।  
 

qभारतीय नागरिकता का अन्त : भारतीय नागरिकता का अन्त निम्न प्रकार से हो सकता है –

1.नागरिकता का परित्याग करने से ।
2.किसी अन्य देश कि नागरिकता स्वीकार कर लेने पर ।
3.सरकार द्वारा नागरिकता छीनने पर ।


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