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Gulzar Shayari In Hindi

 

Gulzar Shayari In Hindi

कुछ अलग करना हो तो

भीड़ से हट के चलिए,

भीड़ साहस तो देती हैं

मगर पहचान छिन लेती हैं 

 

 

अच्छी किताबें और अच्छे लोग

तुरंत समझ में नहीं आते हैं,

उन्हें पढना पड़ता हैं

 

 

सुनो…

जब कभी देख लुं तुमको

तो मुझे महसूस होता है कि

दुनिया खूबसूरत है

 

 

Gulzar Shayari

 

 

 

मैं दिया हूँ

मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं

हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं

बहुत अंदर तक जला देती हैं,

 

 

वो शिकायते जो बया नहीं होती

एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद

दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं

 

 

 

 

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,

जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं

Gulzar Shayari About Life

 

 

 

घर में अपनों से उतना ही रूठो

कि आपकी बात और दूसरों की इज्जत,

दोनों बरक़रार रह सके

 

 

 

 

कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती

जब तक ख़ुद पर ना गुजरे

 

 

 

वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,

हम भूल गए हैं रख के कहीं

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,

रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं

Gulzar Shayari In Hindi

कभी तो चौक के देखे वो हमारी तरफ़,

किसी की आँखों में हमको भी वो इंतजार दिखे

 

 

 

 

कैसे करें हम ख़ुद को

तेरे प्यार के काबिल,

जब हम बदलते हैं,

तो तुम शर्ते बदल देते हो

 

 

 

 

किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,

इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं

Gulzar Shayari in Hindi About Breakup

 

ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है

दर्द दिल का लिबास होता है

 

 

 

 

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में

एक पुराना ख़त खोला अनजाने में

 

 

 

कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है

ज़िंदगी एक नज़्म लगती है

Life Gulzar Shayari In Hindi

 

ज़िंदगी पर भी कोई ज़ोर नहीं

दिल ने हर चीज़ पराई दी है

 

 

 

दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है

किस की आहट सुनता हूँ वीराने में

 

 

 

कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,

एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें।

Sad Gulzar Shayari In Hindi

 

 

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,

जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

 

 

 

कैसे करें हम ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल,

जब हम बदलते हैं, तुम शर्ते बदल देते हो।

 

 

 

सीने में धड़कता जो हिस्सा हैं,

उसी का तो ये सारा किस्सा हैं।

Morning Gulzar Shayari In Hindi

 

मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को,

मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है।

 

 

 

जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ,

उस ने सदियों की जुदाई दी है।

 

 

 

आप के बाद हर घड़ी हम ने

आप के साथ ही गुज़ारी है

Gulzar-shayari-in-hindi

 

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते

वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते

 

 

 

 

 

जब भी ये दिल उदास होता है

जाने कौन आस-पास होता है

 

 

 

 

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़

किसी की आंख में हम को भी इंतिज़ार दिखे

Gulzar-shayari-in-hindi For Boys

 

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में

एक पुराना ख़त खोला अनजाने में

 

 

 

 

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में

रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया

 

 

 

 

 

जिस की आंखों में कटी थीं सदियां

उस ने सदियों की जुदाई दी है

Comeback Gulzar-shayari-in-hindi

 

फिर वहीं लौट के जाना होगा

यार ने कैसी रिहाई दी है

 

 

 

सहमा सहमा डरा सा रहता है

जाने क्यूं जी भरा सा रहता है

 

 

 

 

मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को

मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है

Relationship gulzar-shayari-in-hindi

 

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते

वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते.”

 

 

 

 

“कोई अटका हुआ है पल शायद

वक़्त में पड़ गया है बल शायद.”

 

 

“शाम से आँख में नमी सी है

आज फिर आप की कमी सी है.”

 

 

 old Love Gulzar-shayari-in-hindi

 

 

“ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में एक पुराना ख़त खोला अनजाने में.”

 

 

 

 

 

“जिस की आंखों में कटी थीं सदियां उस ने सदियों की जुदाई दी है.”

 

 

 

“सहमा सहमा डरा सा रहता है जाने क्यूं जी भरा सा रहता है.”

 

 

Old Fantasy Gulzar-shayari-in-hindi

 

 

“पलक से पानी गिरा है,

तो उसको गिरने दो

कोई पुरानी तमन्ना,

पिंघल रही होगी!!”

 

 

 

तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी है

 

 

 

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता कोई एहसास तो दरिया की अना का होता

 

Gulzar-shayari-in-hindi

 

 

 

मैं चुप कराता हूँ हर शब उमडती बारिश को मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है

 

 

 

 

ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह हो जाता है डाँवा-डोल कभी

 

 

 

 

ये रोटियाँ हैं ये सिक्के हैं और दाएरे हैं ये एक दूजे को दिन भर पकड़ते रहते हैं

 

 

 

Gulzar-shayari-in-hindi For Love

 

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया

 

 

 

 

 

भरे हैं रात के रेज़े कुछ ऐसे आँखों में उजाला हो तो हम आँखें झपकते रहते हैं

 

 

 

यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं सोंधी सोंधी लगती है तब माज़ी की रुस्वाई भी

 

 

 

फिर वहीं लौट के जाना होगा यार ने कैसी रिहाई दी है

 

 

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