law information in Hindi

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20 ऐसे कानूनी अधिकार जो हर भारतीय को जानने चाहिए 

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1.ड्राइविंग करते समय यदि आपके 100ml ब्लड में अल्कोहल का लेवल 30mg से ज्यादा मिलता मिलता है तो पुलिस बिना वारंट आपको गिरफ्तार कर सकती है. मोटर वाहन एक्ट,1998, सेक्शन – 185,202


2.किसी भी महिला को शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. अपराधिक प्रकिया संहिता,सेक्शन 46

3.पुलिस अफसर FIR लिखने से मना नहीं कर सकते है, ऐसा करने पर उन्हें 6 महीने से 1 साल तक की जेल हो सकती है. भारतीय दंड संहिता(IPC Section) ,166A

4.कोई भी होटल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों न हो, आपको फ्री में पानी पीने और वाशरूम का इस्तेमाल करने से नहीं रोक सकता है. भारतीय सरिउस अधिनियम 1887

5.कोई भी शादीशुदा व्यक्ति किसी अविवाहित लड़की या विधवा महिला से उसकी सहमती से शारीरिक सम्बन्ध बनता है तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. भारतीय दंड संहिता व्यभिचार,(IPC Section) धारा 498

6.यदि दो वयस्क लड़का या लड़की अपनी मर्जी से लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहते है तो यह गैर कानूनी नहीं है और तो और इन दोनों से पैदा होने वाली संतान भी गैर कानूनी नहीं है और संतान को अपनी पिता की संपत्ति में हक़ भी मिलेगा. घरेलू हिंसा अधिनियम,2005

7.एक पुलिस अधिकारी हमेशा ही ड्यूटी पर होता है चाहे उसने यूनिफार्म पहनी हो या नहीं. यदि कोई व्यक्ति इस अधिकारी से कोई शिकायत करता है तो वह यह नहीं कह सकता कि वह पीड़ित की मदद नहीं कर सकता क्योंकि वह ड्यूटी पर नहीं है. पुलिस एक्ट,1861

8.कोई भी कंपनी गर्भवती महिला को नौकरी से नहीं निकाल सकती, ऐसा करने पर अधिकतम 3 साल तक की सजा हो सकती है. मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961

9.टैक्स उल्लंघन के मामले में, कर वसूली अधिकारी को आपको गिरफ्तार करने का अधिकार है लेकिन गिरफ्तार करने से पहले उसे आपको नोटिस भेजना पड़ेगा. केवल टैक्स कमिश्नर यह फैसला करता है कि आपको कितनी देर तक हिरासत में रहना है. आयकर अधिनियम,1961

10.तलाक निम्न आधारों पर लिया जा सकता है : हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत कोई भी (पति या पत्नी) कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दे सकता है. व्यभिचार ( शादी के बाहर शारीरिक रिश्ता बनाना), शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना,नपुंसकता,बिना बताए छोड़कर जाना, हिन्दू धर्म छोड़कर कोई और धर्म अपनाना, पागलपन,लाइलाज बीमारी जैसे कोढ़, वैराग्य लेने और सात साल तक कोई अता–पता न होने के आधार पर तलाक की अर्जी दाखिल की जा सकती है. हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा – 13 के अनुसार

11.मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 में वाहन चालकों को हेलमेट लगाने का प्रावधान है. मोटर वाहन अधिनियम की धारा 128 में बाइक पर दो व्यक्ति का बैठने का प्रावधान है. लेकिन ट्रैफिक पुलिस के द्वारा गाड़ी या मोटरसाइकिल से चाबी निकालना बिलकुल ही गैर कानूनी है इसके लिए आप चाहे तो उस कांस्टेबल / अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी कर सकते है. मोटर वाहन अधिनियम

12.केवल महिला पुलिसकर्मी ही महिलाओं को गिरफ्तार कर थाने ला सकती है. पुरुष पुलिसकर्मीयों को महिलाओं को गिरफ्तार करने का अधिकार नही है. इतना ई नहीं महिलाएं शाम के 6 बजे से सुबह के 6 बजे के बीच पुलिस स्टेशन जाने से मना कर सकती है. एक गंभीर अपराध के मामले में मजिस्ट्रेट से लिखित आदेश प्राप्त होने पर ही एक पुरुष पुलिसकर्मी किसी महिला को गिरफ्तार कर सकता है. दंड प्रकिया संहिता. 1973 के अनुसार

13.बहुत ही कम लोग इस बात को जानते है कि यदि उनका गैस सिलेंडर खाना बनाते समय फट जाये तो आप जान और माल की भरपाई के लिए गैस कंपनी से 40 लाख रुपये तक की सहायता के हकदार है.

14.आपको यह जानकार अचरज होगा कि यदि आप किसी कंपनी से किसी त्यौहार के मौके पर कोई गिफ्ट लेते है तो यह रिश्वत की श्रेणी में आता है. इस जुर्म के लिए आपको सजा भी हो सकती है. विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (FCRA) 2010 के अनुसार

15.यदि आपका किसी दिन चालान (बिना हेलमेट के या किसी अन्य कारण से) काट दिया जाता है तो फिर दुबारा उसी अपराध के लिए आपका चालान नहीं काटा जा सकता है. मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016 के अनुसार

16.कोई भी दुकानदार किसी उत्पाद के लिए उस पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक रूपये नहीं मांग सकता है परन्तु उपभोक्ता, अधिकतम खुदरा मूल्य से कम पर उत्पाद खरीदने के लिए दुकानदार से भाव तौल कर सकता है. अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम, 2014

17.यदि आपका ऑफिस आपको सैलरी नहीं देता है तो आप उसके खिलाफ 3 साल के अन्दर कभी भी रिपोर्ट दर्ज करा सकते है. लेकिन यदि आप 3 साल के बाद रिपोर्ट करते है तो आपको कुछ भी हासिल नहीं होगा. परिसीमा अधिनियम, 1963

18.यदि आप सार्वजनिक जगहों पर “अश्लील गतिविधि” में लुप्त पाये जाते है तो आपको 3 महीने तक की कैद हो सकती है. परन्तु “अश्लील गतिविधि” की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं होने के कारण पुलिस इस कानून का दुरुपयोग करती है. भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार

19.यदि आप हिन्दू है और आपके पास आपका पुत्र है, पोता है या परपोता है तो आप किसी दुसरे लड़के को गोद नहीं ले सकते है. साथ ही गोद लेने वाले व्यक्ति और गोद लिए जाने वाले बच्चे के बीच कम से कम 21 वर्ष का अंतर होना जरुरी है. हिन्दू गोद लेना और रखरखाव अधिनियम,1956 के अनुसार

20.यदि आप दिल्ली में रह रहे है तो आपका मकान मालिक आपको बिना नोटिस दिए जबरन मकान खाली नहीं करा सकता है. दिल्ली किराया अधिनियम 1958, धारा 14 के अनुसार  

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